Variable -
A variable is a special quantity whose value can be changed during program execution. Variable name refers a memory location(address) where value is being stored. Variable can be written in small or capital letters of English language.The name of variable is also called identifier.
A variable is a special quantity whose value can be changed during program execution. Variable name refers a memory location(address) where value is being stored. Variable can be written in small or capital letters of English language.The name of variable is also called identifier.
The memory size and type of variable depends on its data type. For example , integer type variable i is occupying 2 bytes in memory and it will store positive or negative integer.
एक वेरिएबल एक विशेष राशी होती है जिसका मान प्रोग्राम एक्सीक्यूशन के दौरान परिवर्तित होता रहता है। वेरिएबल के नाम द्वारा किसी मेमोरी लोकेशन(एड्रेस) को इंगित किया जाता है जहाँ मान को रखा जा ता है। वेरिएबल के नाम को आइडेंटिफायर भी कहा जाता है। वेरिएबल को अंग्रेजी के छोटे या बढे अक्षरों में लिखा जा सकता है। वेरिएबल की संग्रहण क्षमता एवं प्रकार उसके डाटा टाइप पर निर्भर करता है उदाहरण के लिए इन्टिजर टाइप के वेरिएबल i के द्वारा मेमोरी में 2 बाइट ग्रहण की जाती है एवं पूर्णांक को रखा जाता है।
Following rules must be satisfied when the name of variable/identifier is prepared by user:-
- The name of variable / identifier must start with an alphabet . It can be alphabets or alphanumeric values.
- The name of variable / identifier should not be greater then eight letters.
- The name of variable / identifier must not similar to any keyword of C language.
- The name of the variable / identifier should be relevant to the subject.
- There should not be any blank space or any specific symbol between the name of the variable / identifier except underscore( _ ).
वेरिएबल/आइडेंटिफायर का नामकरण करते समय निम्न नियमो का पालन किया जाता है -
- वेरिएबल/आइडेंटिफायर का नाम अल्फाबेट से प्रारंभ होना चाहिए। यह नाम अल्फाबेट या अल्फानुमेरिक हो सकता है।
- वेरिएबल/आइडेंटिफायर का नाम 8 अक्षरों से अधिक नहीं होना चाहिए।
- वेरिएबल/आइडेंटिफायर का नाम कीवर्ड नहीं होना चाहिए।
- वेरिएबल/आइडेंटिफायर का नाम विषय से सम्बंधित होना चाहिए।
- वेरिएबल/आइडेंटिफायर नाम के मध्य कोई रिक्त स्थान या विशेष चिन्ह का पयोग नहीं किया जाना चाहिए। ( अंडरस्कोर _ को छोड़कर )
Example:-
1. int si, SI ;
2. float FLOAT, floaT ;
both above variables are different on the basis of ASCII value because C is a case sensitive language.
उपरोक्त दोनों वेरिएबल ASCII वैल्यू के आधार पर भिन्न-भिन्न माने जायेंगे क्योंकि C एक केस सेंसिटिव लैंग्वेज है।
Declaration of variable:-
वेरिएबल को निम्न प्रकार डिक्लेअर किया जा सकता है -
Syntax -
data_type variable_name;
data_type var1, var2,......, varn;
Example:-
int a;
float p, r, t, si;
char ch;
Initialization of variable:-
Providing an initial value to a variable at the time of its declaration is called initialization of variable.
वेरिएबल को डिक्लेरेशन के समय प्रारंभिक मान प्रदान करना इनीशीलाईजेशन कहलाता है -
Syntax:-
datatype variable_name= value;
datatype var1= value1, var2= value2,..., varn= valuen;
Example:-
int a= 100;
float p= 5000, r=2.5, t=4, si=0;
char ch='A';
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