Documentation-
In this process we prepare a brief document which helps to those who use, maintain the program in future. Documentation program should be written during development of program. Properly documented program is useful and efficient in debugging, testing, maintenance and re-designing process.
Documentations are of two types:-
- Technical documentations.
- User manual.
डॉक्यूमेंटेशन-
इस प्रक्रिया में हम एक संक्षिप्त डॉक्यूमेंट तैयार करते है जो भविष्य में उस प्रोग्राम को प्रयुक्त करने वाले एवं उसका प्रबंधन करने वाले प्रोग्रामर के लिए उपयोगी होता है। डॉक्यूमेंटेशन, प्रोग्राम डेवलपमेंट के साथ-साथ अच्छी तरह से किया जाता है। सही डॉक्यूमेंटेड प्रोग्राम डिबगिंग, टेस्टिंग, मेंटेनेंस एवं रि-डिजाइनिंग प्रक्रिया में लाभदायक होता है।
यह दो प्रकार का होता है-
- टेक्निकल डॉक्यूमेंटेशन
- यूजर मैन्युअल
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