In 'C' language, function is a group of programming statements which are written together for performing a specific task/work. When we call a function from any statement of program then it will be executed. this process is known as function calling.
सी लैंग्वेज में, एक फंक्शन स्टेटमेंट्स का समूह होता है जो किसी निश्चित कार्य को पूर्ण करने के लिए एक साथ लिखे जाते है। जब फंक्शन को कॉल किया जाता है तब ही वह रन होता है, इस प्रक्रिया को फंक्शन कालिंग कहा जाता है।
Types of function:-
फंक्शन के प्रकार:-
There are two types of function-
फंक्शन दो प्रकार के होते है -
1.) Library/built in function:- These are special functions of 'C' language which are defined in library of 'C' language at the time of its creation. These functions are called Library functions or Built-In functions. Library functions are directly accessed by programmer to perform a specific task in a program. Definition of library functions are written in header files of 'C' language and stored in include folder. programmer can use #include Pre-Processor Directive for linking header files in main program. There is no need to compile library function, because header files are precompiled and direct linked to object code. Programmer can not allow to make any change in definitions of library functions and their code increases programs size several times. Library functions has an important role in programming, due to which user will emphasis/concentrate/focus to main problem's solution only.
सी लैंग्वेज का निर्माण करते समय कई महत्वपूर्ण फंक्शन को सी लैंग्वेज की लाइब्रेरी में परिभाषित किया गया था। इन्हें लाइब्रेरी फंक्शन या बिल्ट इन फंक्शन कहा जाता है। लाइब्रेरी फंक्शन को प्रोग्रामर अपने प्रोग्राम में सीधे एक्सेस कर सकता है क्यूंकि इनकी परिभाषाये सी लैंग्वेज की हैडर फाइल्स में रखी जाती है जिन्हें include नामक फोल्डर में स्टोर किया जाता है। इन्हें मुख्य प्रोग्राम में सबसे ऊपर #include PPD की सहायता से जोड़ा जाता है। हैडर फाइल्स प्री कंपाइल होती है अर्थात इन्हें सीधे ऑब्जेक्ट कोड में जोड़ा जा सकता है। प्रोग्रामर के द्वारा लाइब्रेरी फंक्शन के कोड में परिवर्तन नहीं किया जा सकता है लाइब्रेरी फंक्शन के प्रयोग से प्रोग्राम का आकर कई गुना बढ़ जाता है। लाइब्रेरी फंक्शन अत्यंत महत्वपूर्ण होते है इनके प्रयोग से प्रोग्रामर को केवल मुख्य समस्या के हल की ओर ध्यान केन्द्रित करना होता है।
Example :-
printf ( ), scanf ( ), getch ( ), clrscr ( ), sqrt ( ), pow ( ) etc.
2.) User defined function:- To solve an advanced and complex problem, user can also create its own functions definition using library functions. this type of functions are called user defined functions. We know that,'C' language is a powerful language in which we can create application programs, system programs, modules, sub-function etc. A 'C' language program is formed by different functions but it always started from main( ). main( ) will also decide order of the execution of other functions.
यूजर अपनी आवश्यकतानुसार, नयी एवं जटिल समस्याओ के हल के लिए लाइब्रेरी फंक्शन की सहायता से अपना स्वयं का फंक्शन तैयार कर सकता है। इस प्रकार के फंक्शन को यूजर डिफाइंड फंक्शन कहा जाता है। हमें ज्ञात है की सी लैंग्वेज एक शक्तिशाली लैंग्वेज है जिसके द्वारा हम एप्लीकेशन प्रोग्राम, सिस्टम प्रोग्राम , फंक्शन एवं मोड्यूल इत्यादि तैयार कर सकते है। सी लैंग्वेज के प्रोग्राम में कई फंक्शन हो सकते है परन्तु इनका प्रारंभ केवल main() से होता है। main() अन्य फंक्शन के क्रम एवं एक्सीक्यूशन का भी निर्धारण करता है।
Declaration and definition of a function:-
फंक्शन का डिक्लेरेशन एवं डेफिनिशन:-
Following four major components are included in function's declaration and definition-
फंक्शन के डिक्लेरेशन एवं डेफिनिशन में निम्न चार मुख्य अवयव होते है-
1. Function's return type specifier (output). फंक्शन का आउटपुट टाइप
2. Name of function. फंक्शन का नाम
3. Function's input arguments (input). फंक्शन के इनपुट आर्गुमेंट
4. Body of function(statements). फंक्शन की बॉडी //only in definition //केवल परिभाषा में
If user defines a function before the definition of main( ) , then there is no need to declare the function in main( ). Otherwise, first of all function is declared in main( ) which has output type, name and input type (arguments) components. It is also called function prototype or function signature. the definition of the function is written after main().
यदि यूजर किसी फंक्शन को main() के पूर्व परिभाषित करता है तब उसका डिक्लेरेशन main() में नहीं लिखा जाता है परन्तु यदि यूजर किसी फंक्शन को main() के पश्चात् परिभाषित करता है तब उसका डिक्लेरेशन main() में अनिवार्यतः लिखा जाता है। इसे फंक्शन का प्रोटोटाइप या सिग्नेचर भी कहा जाता है। फंक्शन की डेफिनिशन main() के बाद निचे लिखी जाती है।
Syntax :-
Header files
Global variables/constants
return_type func_name1(input arguments){
body of function
(statements)
}
void main ( ) {
variable declaration;
return_type func_name2 (input arguments); // function prototype
executable statement;
function calling statement;
...............................
...............................
}
return_type func_name2 (input arguments){
body of function
(statements)
}
Example-
C program to calculate factorial of a number using function.
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